दिव्य चेतना की ऊर्जा आदि काल से ब्रह्माण्ड में सर्वत्र व्याप्त है , इस परम तत्त्व के योग से ही जीवन है ! बस आवश्यकता है उसके प्रति ग्रहणशील होने की ...पूरी श्रद्धा से समर्पित हो जाईये ..दिव्य चेतना आपको उपलब्द हो जायेगी !!